राशन दुकान संचालको को सूचना का अधिकार लगाकर प्रताड़ित कर रहा है, इन्हे खाने की जानकारी है जो खाये हो उसकी जानकारी मांगे तो फिर उसकी जानकारी नही है। पीडीएस सिस्टम में कैसे फर्जी राशन देने की जानकारी तो रखते है, कैसे फर्जी संस्था बना कर राशन दुकान हथियाना है इसकी जानकारी रखते है, कैसे फर्जी लोग के नाम से राशन कार्ड बनवाकर राशन बांटा जाता है इसकी जानकारी है इनको, मगर ये जो कर रहे है इसकी जानकारी कोई और मांगे तो ये प्रताड़ित और ब्लेकमेलिंग होते है।
कांकेर
जिले में किस तरह से भ्रष्टाचार हावी है उसका एक उदाहरण राशन दुकान के
संचालको द्वारा सूचना जिला कलेक्टर कांकेर को किये गये शिकायत पत्र है।
सारे भ्रष्टाचारी सूचना का अधिकार के तहत जानकारी मांगने वालों के खिलाफ हो
रहे है एक जुट सबसे ज्यादा चारामा विकासखंण्ड के अफसरशाही और शासन के
नुमाइंदे अपने आप को सूचना का अधिकार में प्रताड़ित, ब्लेकमेलिंग होना बता
रहे है।
तो ये लोग क्या चाहते हैं सुचना के अधिकार अधिनियम को कलेक्टर महोदय ख़त्म कर दे ..???
इसिलिए ब्लेक करों मत ब्लेक होने से डरों मत, पहले खाये हो अब प्रताड़ित हो रहे है बोल रहे है
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