कौन है चोर,ब्लेकमेलर पत्रकार...जो दूसरों का समाचार चोरी करता है? ये पत्रकार नरहरपुर,चारामा,के क्षेत्रों में सक्रिय होकर कही आपके अखबार के नाम पर वसूली तो नही कर रहा है....?
ये इस प्रकार के काम करने में ये माहिर है पहले भी इन्होंने जनहित का नाम लेकर वसूली करते आ रहे थे लेकिन जब संबंधित अखबार मालिकों को मालूम हुआ तो जनहित की बात करने वाले चोर वसूलीबाज पत्रकार को हवालात की हवा खानी तथा अखबार प्रतिनिधियों की पैर पकडकर दुबारा ऐसी गलती नही करनी की कसम भी खाई थी लेकिन मै उन अखबार प्रतिनिधियों को आगाह करना चाहता हॅू कि आज भी ये जनहित मुददा वाला पत्रकार अपने स्वजाति बंधु ब्लैकमेलर व कई बार थूक कर चौखट चटाने वाले साथी के साथ अवैध वसूली कर कुछ हदों तक अपने कार्यो के प्रति जवाबदार लोगों को ब्लैकमेर कहने से नही चूकते..... यदि बाकी पत्रकार ब्लैकमेलर है तो ये ईमानदार पत्रकार ये बताने का कश्ट करेगें कि इंडिया केन संस्था को किस प्रकार मानव तस्कारी करने की बात कहते हुये 25 हजार रूपये मांगा जा रहा था पैसे नही देने पर आदिवासी की तस्करी का आरोप लगाकर समाचार छपवाने की धमकी तक दे चुके थे ये ईमानदार पत्रकार इन दोनों की ईमानदारी यही खत्म नही होती इन्होंने तो मुझे एक समाचार प्रकाषन पर कई ठगों से नोटिस व न जाने कितने हथकंडे अपनाते हुये डरने का प्रयास किया लेकिन इन चोरों को मै बताना चाहता हॅू कि मेरा बाप गरीब जरूर है लेकिन दलाल नही....... अगर पत्रकारिता के आड में दलाली ही करना है तो अधिकारी के बिस्तर खुद सो जाओं नही अपने घर के बहू बेटी व पत्नी को सुला दो ज्यादा कमाई होगी़़़़.....लेकिन पत्रकारिता जैसे पाक पेषे को बदनाम मत करों माद़़़़.......
एक और खास बात है कि जनहित की सोच से पत्रकारिता कर रहे उक्त ईमानदार पत्रकार ने कंाकेर जिले के किसानी विभाग का दलाल का पदवी भी प्राप्त कर लिया है...अगर आप विभाग के बारे में कोई समाचार प्रकाशित होता है तो ये दोनांे अधिकारी के भडवे तत्काल समाचार प्रकाषित करने वाले पत्रकार की कमजोरी बता धमकी देते हुये डराने का तरीका बताने का काम भी करते है,.....जैसे मुझे मिला...तीन बजे 07587121053 के नंबर से...धमकी....क्यो ना लिखू मैं समाचार..?
पहला मामला...विक्रम उसेंडी के रिश्तेदारों द्वारा खुटगांव मार्ग मे हजारों एकड वन कटाई के मामले पर एक पत्रकार ने अपनी जान जोखिम डालकर सनसनी खेज समाचार निकाला था लेकिन इस माद.....ने तत्काल उस समाचार को छपवाकर डीएफआंे वाहने के पास अपनी दबगंई पत्रकारिता के आड में तत्काल 5 हजार रूपया लेकर आ गये लेकिन जब खोजी एंव वरिश्ट पत्रकार को रूपये लेने बात मालूम हुई तो वे इस भडवे पर आगबबूला हो गये जिसके कारण इस हरामखोर ने उनके प्रकोप से बचने के कई लिये दलील व गवाहों को पेष करते नजर आये थे.........वाह रे कमीना दलाल.........कभी खुद के दम पर षिकार करने की भी कोषिष कर लिया कर.............जुटहा कही के
दुसरा मामला... नीलकंड परियोजना....में एक पत्रकार ने काफी मेहनत करते हुये अपने फेसबुक वाल पर आम जनता के पढने के लिये समाचार प्रकाषित किया लेकिन युवा वनमंडल अधिकारी माथेष्वरण से तवज्जों नही मिलने के कारण खिसयानी बिल्ली खंभा नोचें सोच वाले इस चोर ने अपने आपकों दंबंग पत्रकार बताने की कोषिष मंे.... वन विभाग की एैसी तैसी करने के लिये उक्त समाचार की चोरी करते हुये अपने अखबार में छपवा लिया लेकिन जब समाचार चोरी कर प्रकाषन की बात उस पत्रकार को लगी तो इस चोर ब्लैकमेलर के हाथ पंाव फूलने लगे और अपना अखबार षहर में बटंवाने नही देते हुये पूरा पेपर का बंडल अपने घर ले जाकर कई तरह का दलील लोगों को देने लगा आप खुद ही सोचिये जरा कि क्या ऐसे भडवे...दलाल..चोर......ब्लेकमेलर को पत्रकारिता जैसे पाक पेषे में होना चाहिये ? इस चोर पत्रकार ने कभी अवैध कटाई का मामला भी नही पकडा होगा लेकिन .....अपनी मेहनत से अवैध कटाई का मामला उजागर करने वाले पत्रकार की आड पर उक्त मामले जनहित का मुददा बताया......... अरे ब्लेकमेलर....माद.... अन्य जनहित का मुददा तुझे क्यों नजर नही आता फटती है़़ क्या........?
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें