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खाने की जानकारी है लेकिन जो खाये उसकी जानकारी देने की नही ......

राशन दुकान संचालको को सूचना का अधिकार लगाकर प्रताड़ित कर रहा है, इन्हे खाने की जानकारी है जो खाये हो उसकी जानकारी मांगे तो फिर उसकी जानकारी नही है। पीडीएस सिस्टम में कैसे फर्जी राशन देने की जानकारी तो रखते है, कैसे फर्जी संस्था बना कर राशन दुकान हथियाना है इसकी जानकारी रखते है, कैसे फर्जी लोग के नाम से राशन कार्ड बनवाकर राशन बांटा जाता है इसकी जानकारी है इनको, मगर ये जो कर रहे है इसकी जानकारी कोई और मांगे तो ये प्रताड़ित और ब्लेकमेलिंग होते है। कांकेर जिले में किस तरह से भ्रष्टाचार हावी है उसका एक उदाहरण राशन दुकान के संचालको द्वारा सूचना जिला कलेक्टर कांकेर को किये गये शिकायत पत्र है। सारे भ्रष्टाचारी सूचना का अधिकार के तहत जानकारी मांगने वालों के खिलाफ हो रहे है एक जुट सबसे ज्यादा चारामा विकासखंण्ड के अफसरशाही और शासन के नुमाइंदे अपने आप को सूचना का अधिकार में प्रताड़ित, ब्लेकमेलिंग होना बता रहे है। तो ये लोग क्या चाहते हैं सुचना के अधिकार अधिनियम को कलेक्टर महोदय ख़त्म कर दे ..???   एक तरफ वो है जो ईमानदारी से जानकारी मांगते है और खुद प्रताड़ित ह
हाल की पोस्ट

कौन है चोर,ब्लेकमेलर पत्रकार...जो दूसरों का समाचार चोरी करता है? ये पत्रकार नरहरपुर,चारामा,के क्षेत्रों में सक्रिय होकर कही आपके अखबार के नाम पर वसूली तो नही कर रहा है....?

 ये इस प्रकार के काम करने में ये माहिर है पहले भी इन्होंने जनहित का नाम लेकर वसूली करते आ रहे थे लेकिन जब संबंधित अखबार मालिकों को मालूम हुआ तो जनहित की बात करने वाले चोर वसूलीबाज पत्रकार को हवालात की हवा खानी तथा अखबार प्रतिनिधियों की पैर पकडकर दुबारा ऐसी गलती नही करनी की कसम भी खाई थी लेकिन मै उन अखबार प्रतिनिधियों को आगाह करना चाहता हॅू कि आज भी ये जनहित मुददा वाला पत्रकार अपने स्वजाति बंधु ब्लैकमेलर व कई बार थूक कर चौखट चटाने वाले साथी के साथ अवैध वसूली कर कुछ हदों तक अपने कार्यो के प्रति जवाबदार लोगों को ब्लैकमेर कहने से नही चूकते..... यदि बाकी पत्रकार ब्लैकमेलर है तो ये ईमानदार पत्रकार ये बताने का कश्ट करेगें कि इंडिया केन संस्था को किस प्रकार मानव तस्कारी करने की बात कहते हुये 25 हजार रूपये मांगा जा रहा था पैसे नही देने पर आदिवासी की तस्करी का आरोप लगाकर समाचार छपवाने की धमकी तक दे चुके थे ये ईमानदार पत्रकार इन दोनों की ईमानदारी यही खत्म नही होती इन्होंने तो मुझे एक समाचार प्रकाषन पर कई ठगों से नोटिस व न जाने कितने हथकंडे अपनाते हुये डरने का प्रयास किया लेकिन इन चोरों को मै बता